आयकर विभाग ने अपनी अघोषित राशि दूसरों के बैंक खातों में जमा करवाने वालों को आगाह करते हुए कहा है कि इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बेनामी लेन-देन कानून के तहत आरोप लगाने का फैसला किया गया है जिसमें जुर्माना व अधिकतम 7 साल की कैद की सजा हो सकती है।
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि विभाग ने 8 नवंबर के बाद अप्रचलित नोटों के संदिग्ध इस्तेमाल को लेकर 80 से अधिक सर्वे व लगभग 30 तलाशियां लीं जिनमें 200 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय पकड़ी गई। इस तरह की कार्रवाई में 50 करोड़ रुपए की नकदी भी जब्त की गई है। कर अधिकारियों ने 8 नवंबर के बाद बैंक खातों में भारी नकदी जमा कराए जाने के मामलों की पड़ताल के तहत देशभर में अभियान चलाया है।
अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में संदेह सही पाए जाने पर बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कानून चल व अचल दोनों संपत्तियों पर लागू होता है। इस कानून के तहत राशि जमा कराने वाले व जिसके खाते में जमा हुई, दोनों को पकड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि शुरू में उन मामलों में नोटिस जारी किए जाएंगे जिनमें 2.50 लाख रुपए की सीमा से अधिक बड़ी राशि में धन जमा कराया गया हो, लेकिन इससे कम राशि वाले उन मामलों की भी जांच होगी जिनमें बैंक या वित्तीय आसूचना इकाई संदिग्ध लेन-देन की शिकायत करेंगे।